जानिये क्या हैं खाता, खतौनी, खेवट, खसरा नम्बर Land Records
जैसा कि हम जानते हैं जमीन से जुड़े किसी भी कार्य के लिए सबसे पहले हमे जमीन की पूरी जानकारी होना आवश्यक है, जैसा की कानून में जमीन या लैंड के लिए विशेष तरह के नाम या संख्या प्रदान की जाती है उन्ही में से कुछ नाम ऐसे होते हैं जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं होती है!ये नाम कभी कभी अलग अलग राज्यों के अलग अलग नियमों और कानूनों के मुताबिक रखे जाते हैं, जैसा की हम जानते हैं भारत में भी इस तरह से जमीन और उससे जुड़े मामलों को साफ़ सुथरा रखने के लिए, जमीनों को संख्या प्रदान कर दी जाती है, जिसके द्वारा ही उस जमीन का निर्धारण किया जाता है, उसी संख्या के आधार पर कानूनी दस्तावेजों का निर्माण होता है और जमीन से जुडी हुयी किसी भी प्रक्रिया का निर्धारण उस संख्या से ही होता है!आइये जानते हैं कि क्या होती हैं ये संख्या और कैसे निर्धारित हुए इनके ये नाम?
खाता या खेवट नम्बर क्या होता है? (Khata and khewat)
खेवट नम्बर को साधारणतः “खाता नम्बर” भी कहा जाता है, इसे किसी भी जमीनी संपत्ति के मालिक को प्रदान किये गए अकाउंट नम्बर के रूप में भी देखा जा सकता है! यह किसी भी संपत्ति के सह मालिक के साथ हुए जमीन के भाग के अलग अलग हिस्सों को भी निर्धारित करता है, अतः इसीलिए इसे किसी भी संपत्ति के मालिकों को प्रदान किये गए खाता नम्बर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है!खाता नम्बर किसी भी जमीनी संपत्ति या क्षेत्र को दस्तावेजों पर निर्धारित करने के लिए प्रदान की गयी एक संख्या के रूप में देखा जा सकता है, इसका उपयोग संपत्ति की जानकारी के लिए और उस क्षेत्र के मैप में उस जगह को दिखाने के लिए उपयोग में लिया जाता है!
खसरा (khasra) क्या होता है?
खसरा गिर्द्वारी राजस्व विभाग का एक डॉक्यूमेंट होता है जिसका उपयोग भारत में किसी भी कृषि भूमि और फसल की जानकारी के लिए किया जाता है! इसका उपयोग शजरा नामक दस्तावेज में होता है (शजरा किश्तवार) जो की गाँव का निर्धारित मैप होता है, यह उस जगह के क्षेत्रफल और वहां की भौगोलिक परिस्थितियों को निर्धारित करता है!खसरा में मुख्य रूप से “सभी क्षेत्र और उनका एरिया, नाप, उसका ओनर (स्वामी) और किस किसान के द्वारा वहां खेती की जाती है, क्या फसल उगाई जाती है, किस तरह की मिटटी है, कौनसे पेड़ उस क्षेत्र में लगे हैं, वहां की स्थिति और क्षेत्रफल से लेकर वहां के वातावरण आदि की सारी जानकारी खसरा में उपलब्ध होती है!इतिहास-पारंपरिक रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में खसरा का दस्तावेज कई सालों से मौजूद है, यह भारत में ब्रिटिश शासनकाल के समय से मौजूद है, भारत का आर्थिक इतिहास जानने के लिए खसरा आदि का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण रहा है, यह भारत और पाकिस्तान के विभिन्न स्थानों की पहचान करने और उनकी भौगोलिक परिस्थिति के बारे में जानने के लिए बहुत उपयोगी रहा है, खसरा के द्वारा ही भी भौगोलिक स्थानो की खोजबीन की गयी, वहीँ इसके ऐतिहासिक महत्त्व को भी खसरा के द्वारा समझा गया है!
खतौनी (khatauni) क्या होता है?
खतौनी एक प्रकार का भूमि अभिलेख माना जा सकता है जो, जिसे एक क़ानूनी दस्तावेज माना जा सकता है, जिसमे किसी भी जमीन का विवरण होता है, यह पटवारी या काश्तकार के द्वारा बनाया जाता है, या उनके द्वारा रखा जाता है, इसमें किसी भी जमीन का विवरण, उसका क्षेत्र और अलग अलग मदों की अलग अलग खाते वाली बही होती है!खतौनी को विभिन्न क्षेत्रों की अलग अलग खाते वाली बही कहा जा सकता है, खतौनी एक बहुपयोगी दस्तावेज है जिसके द्वारा किसी भी क्षेत्र की स्थिति और उसका पूरा विवरण पटवारी या काश्तकार से प्राप्त किया जा सकता है!खतौनी भूमि का अभिलेख होती है, इसमें खसरा, नक्शा किश्तबंदी आदि का समावेश होता है! इसे विभिन्न खातों वाली बही भी कहा जा सकता है!मान लें अगर आप अपने किसी व्यापार के लिए कर्ज लेना चाहते हैं, और आपके पास खेती की जमीन है, बैंक जमीन गिरवी रखकर आपको कर्ज देना चाहता है तो वह खतौनी की मांग करता है, खतौनी भूमि अभिलेख है, इसमें खसरा, नक्शा, किश्तबंदी आदि का समावेश रहता है, आपको अपने पटवारी से अपनी जमीन का खसरा और नक्शा लाना पड़ेगा! पटवारी ही इस अभिलेख को तैयार करते हैं!आज के समय में खसरा, खतौनी आदि प्राप्त करने के लिए राज्य सरकारों के द्वारा ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है!
ऑनलाइन प्राप्त करें खसरा, खेवट, खाता नम्बर और खतौनी
भारत के विभिन्न राज्यों की राज्य सरकारों ने खसरा खतौनी प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन सुविधा का आगाज़ कर दिया है, ऑनलाइन सुविधा के आने से आज के समय में खसरा खतौनी प्राप्त करने के लिए पटवारी या काश्तकार के पास जाने की भी जरुरत नहीं है, अब उन्हें भी अपने बनाये हुए दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करने की सुविधा दे दी गयी है, जिससे की भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की अच्छी कोशिश के रूप में भी देखा जा सकता है!किसी भी राज्य में अपने क्षेत्र या अपनी जमीन का खसरा नम्बर या खतौनी नम्बर जानने के लिए उस राज्य की वेबसाइट पर जाकर, जिले का नाम, तहसील का नाम, ब्लॉक का नाम, और गाँव का नाम भरना होता है, इन गाँवों तहसीलों और जिलों की सूची वेबसाइट पर उपलब्ध होती है, जिससे चुनकर इन्हें भरना होता है, इसके बाद पूरी जानकारी भरने पर एक लिस्ट उस क्षेत्र के खसरा/ खतौनी की सामने आ जाती है, जिसकी खतौनी निकालनी है उसके नाम पर क्लिक करने के बाद, एक दस्तावेज सामने आ जाता है जिसे आप प्रिंट करवा सकते हैं! (मध्यप्रदेश राज्य के आधार पर)» भूलेख उत्तर प्रदेश – khasra khatauni up खाता खसरा नंबर देखने की साइट – upbhulekh.gov.in» भूलेख बिहार – khasra khatauni bihar ऑफिसियल वेबसाइट – जमाबंदी पंजी देखें – Land Record,Bihar» भूलेख राजस्थान – Apna Khata Rajasthan राजस्थान bhulekh की साइट – apnakhata.raj.nic.in» भूलेख मध्यप्रदेश – MP Bhulekh मप्र bhulekh साइट – Landrecords Madhya Pradesh» भूलेख गुजरात – Any ROR Gujarat ऑफिसियल वेबसाइट – landrecords.gujarat.gov.in» भू अभिलेख महाराष्ट्र – Mahabhulekh महाभुलेख देखने की ऑफिसियल वेबसाइट – mahabhulekh.maharashtra.gov.in» Orissa Land Record- Bhulekh Orissa» Tamil Nadu Land Record- Patta Chitta Online» Karnataka Land Record - Bhoomi Rtcइस तरह बहुत ही आसानी से घर बैठे बस कुछ ही मिनट में अपना खाता खसरा नक़ल देख सकते हो। अगर आप ये जानना चाहते हो हो कि आपके ग्राम या जिले में किसके नाम पर कितनी ज़मीन है तो वो भी आप आसानी से पता कर सकते है।